पड़ोस का राष्ट्रवाद और मैकडॉनल्ड की दुकान नजरिया
इलेस्ट्रेशन: आनंद नॉरम मेरे घर की खिड़की से पीले रंग का एम दिखने लगा है. दसवीं मंजिल पर फ्लैट की खिड़की से बराबर में दिखता है एम. मैकडॉनल्ड अमेरिका से चल कर मेरे पड़ोस में आ गया है. अमेरिका का स्ट्रीट फूड...
View Articleकभी रवीश कुमार मत बनना
अपने आप को नौजवानों की आंखों में चमकते देखना किसे नहीं अच्छा लगता होगा. कोई आप से मिलकर इतना हैरान हो जाए कि उसे सबकुछ सपने जैसा लगने लगे तो आप भी मान लेंगे कि मुझे भी अच्छा लगता होगा. कोई सेल्फी खींचा...
View Articleलोग पत्रकारों को गाली दे रहे हैं, अगर समाज इसे मान्यता देता है तो मैं उसे...
मेरा तो मानना है कि ये संगठित तरीका है और ये हर स्तर पर हो रहा है. देश में पार्टी के कार्यकर्ता कहीं भी हो सकते हैं, वहां से ये शुरू हो जाते हैं. तरह-तरह के वाट्स ऐप ग्रुप बने हुए हैं. वहां से इन...
View Articleपार्टी के अध्यक्ष को सौंपी बोलने की जिम्मेदारी !
तो यह है नरेंद्र मोदी का मीडिया सिस्टम। अपनी ही पार्टी के मुख्यालय में प्रधानमंत्री के बहाने बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री ने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। यह पहली बार था कि प्रधानमंत्री...
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